जबा असो पक्को भय गयो का, हमी ला जहाज लक इटली जानो से। त पौलुस अना काही दुसरो कैदी गीनला महाराजा को एक युलियुस नाव को सेना नायक को हात सोप देइन। उ 100 सेना को कमान्डर होतो।
परो को दिवस हमी सैदा मा उतरया अना युलियुस न पौलुस को लाय दयावन भयो अना वोना पौलुस को संगीगिन लक मिलन लाय अनुमति दियो। जोन लक वोको लाय जरूरी-जरूरी चीज वोको संगी आन देहे।
हे दास गीन जोन आँग को जसो तुमरो मालिक से सब गोस्टी मा उनको हुकूम को भगती करोह, मानूस ला खुस करनवालो वालो जसो दिसावन को लाई नही पर मन को सीधाई अना परमेस्वर को भेव लक।