यीसु कोनी जघा मा, पिराथना करत होतो। जबा पिराथना पूरो भयो, तो वोको चेला गीन मा, एक ना कव्हयो, पिरभू योहन गुरूजि ना, आपरो चेला गिनला, जसो पिराथना सिकाइसेस, वसोच अमीला पिराथना करनो सिकाव।
पिरभू ना कव्हयो, हे मोसे को नियम को गुरू, तुम्ही विधि-विधान लक हात-पाय धोवके ना, गडू-गिलास भानी ला बहार लक माजा सो, पर तुम्हारो भीतर मा ला लक बुराई भरोसे।
जक्कई न उभो होयके पिरभू यीसु ला कव्हयो। हे मालीक चोव! मी आपरो धन को आरधो हिस्सा मी कंगाल गीन ला देवासू, अखीन काही अन्याव करके, ना राखीसेव तो वोला, मी चौगुना वापस देवासू।
अना पीरभू ना लवट के पतरस कना चोवयो, तबा पतरस ला हेत आयो का पिरभू ना वोला, काय कव्हयो होतो? का अज कुकड़ा को चिल्लान को पूढा तो मोरो, तीन बेरा मुकर करजोस।
जब वय नगर मा भीतर धसन को जघा मा गयीन, तब लोक साकोली मा एक लास बाहेर ले जावत होतीन। उ आपरो माय को एकच टूरा होतो, अना वोकी माय बेवा होती, नगर को लगत जनता वोको संग होतीन।
यो कारन खुद सप्पा गोस्टी को बिच मा उ उनको भाऊ सरिसो होवनो पाहिजे। एको लाय का लोकगिन को पाप को लाय को बदला मा बली देवन साठी परमेस्वर को संबंधित असो गोस्टी तो दयालू अना बिस्वासी असो परमुख याजक सेत।
काहेका आमरो मुखिया याजक असो नाहती का आमरो कमजोरी मा अमी लक दुहुर भयी जाय। काहे का पाप ला सोड़ के सब गोस्टी मा आमरो जसो परखो गयो सेत। पर उ बेकसूर हिटयो।