जब वय नगर मा भीतर धसन को जघा मा गयीन, तब लोक साकोली मा एक लास बाहेर ले जावत होतीन। उ आपरो माय को एकच टूरा होतो, अना वोकी माय बेवा होती, नगर को लगत जनता वोको संग होतीन।
तुमी नासरत को यीसु ला जानासेव, का परमेस्वर ना निवाड़ी सेत अखिन ओला पवीतर आतमा अना ताकत देइस। अना उ साजरो काम करतो हुया, अना जोन सैतान को बन्धन मा होतिन उनला सोड़ाय के सब रोग ला साजरा करत हिंडत होतो अना परमेस्वर वोको संग होतो।