फरिसी अखीन यहूदि मोसे को नियम को गुरू, ना यो चोयके की उ ता पापी गीन अना जमा वसुलन वारो को संग जेवन करासे, ओको चेला गीन ला कहिन “यीसु जमा वसुलन वालो अना पापगिन को संग काहे खावासे पिवासे।”
मोसे को नियम को गुरू उभो-उभो असो, पिराथना करत होतो। “परमेस्वर मी तोला धनवाद देवासू, का मी दुसरो लोकगीन जसो, लोभी, अन्यायी, गलत काम करन वालो नहि सेव, अखीन यो जमा वसूली करन वालो, अन्धेर करन वालो जसो नही सेव।
एक रोज यीसु, सिक्सा दे रहयो होतो। मोसे को नियम को गुरू अखीन मुखिया याजकगिन, वोको कठा बस्या होतिन। वय गलील, अना यहुदिया छेतर को हर, एक गाँव लक येरुसलेम नगर मा आयो होतिन। रोगिन ला साजरो करन को लाय, पिरभू को ताकत यीसु को संग होत्यो।
एको पर मोसे को नियम को गुरू लेखक, अना पुरोहित एक दुसरो ला, जवाब करन लगीन। का यो परमेस्वर को निन्दा करन वारा कोन से? परमेस्वर को सिवाय कोन, पाप छिमा कर सकासे?
जोन मोसे को नियम को गुरू यीसु ला निवता देई होतिस, असो चोवके! मन च मा कव्हन लग्यो “यदि यो मानूस भविस्यवक्ता होतो तो जान लेतो का यो बायको कसी से अना काजक करासे? काहे की वातो पापी होती।”
एको पर मोठो उथलपुथल मच गयो। फरीसी दल को काही, मोसे को नियम को गुरू, उभा होयके बैस कर असो कव्हन लगीन “हमी एना मानूस मा कोनी दोस नही पाहेत। अदी कोनी आतमा, अना सरगदूत, एको लक काही बोलयो होतो। ता एको लक का?”