यीसु ला उनको विचार मालुम भय गयो। उ उनला बोलयो “हरेक वा राज जोनमा फूट होवासेत वा नास भयी जासे वसोच हरेक नगर अना घराना जोनमा फुट पड़ जासे वा नास भयी जासे।”
यीसु ना यो जानके उनलक कहीस, तुमी आपस मा मन मा काहे सोचसो? का आमरो कठा भाकर नहात। का तुमला अबा तकन समज मा नही आयो से, का तुमरो “अक्ल मा गोटा पड़ गयो से?”
एको पर मोसे को नियम को गुरू लेखक, अना पुरोहित एक दुसरो ला, जवाब करन लगीन। का यो परमेस्वर को निन्दा करन वारा कोन से? परमेस्वर को सिवाय कोन, पाप छिमा कर सकासे?
ऐको पर पतरस न कहीस, अरे हनन्याह; सैतान ला तुना आपरो मनमा यो गोस्टी कायलाई डाखन दियो? का तुना पवितर आतमा लक खोटो सांगे, अना बोकी जमीन को रकम लक काही बचाय के राख लियो।
काहेका परमेस्वर को बचन जित्तो, अना ताकतवर, अना कोनी भी दुइ धारवालो तरवार लक पैनो सेत। उ जान मन जोड अना मास ला आर को पार छेदन लायक सेत, अना मनको बिचार अखीन भावना ला परखसेत।
मि ओको महामारी लक वोको लेकरा गिनला मारुँह अना सप्पा कलीसिया ला मालूम भय जाहे का मन ला अखीन आतमा ला जाँचन वालो मि च सेव। अना मि तुमी मा लक हरेक ला ओको कामगीन को अनुसार फर देहबिन।