26 अखीन उ मात को टूरा, अखीन मत्तित्याह को, अखीन उ सिमी को, अखीन उ योसेख को, अखीन उ योदाह को,
अखीन उ मत्तित्याह को टूरा, अखीन उ आमोस को टूरा, अखीन उ नहूम को टूरा, अखीन उ असल्याह को टूरा, अखीन उ नोगहा को टूरा,
उ योहान को, अखीन उ रेसा को, अखीन उ जरुब्बाबिल को, अखीन उ सालतिएल को, अखीन उ नेरी को,
हरेक बिनती अना बिनती लक पवीतर आतमा मा सदा पिराथना करत रव्हने। अना यो मन मा हेत राखके सतरक रव्हने की कोसिस लक सबच पवीतर लोकगीन को साठी सदा पिराथना करतो रवहने।