2 हन्ना अखीन काइफा, मुखिया याजक होतो। वोना दिवस मा, परमेस्वर को कव्हनो, सूनसान जघा मा जकरयाह को टूरा, योहन को कठा पहुचो।
जबा वय वहान लक चले गइन तबा यीसु योहन को बारेमा सागन लग्यो। जंगल मा तुमी काजक चोवन आयो सेव? घागरा गवथ ला? जोन वारा मा हिला सेत। नहीं!
तबा मुखिया याजक अना सयानो लोकगीन काइफा नाव को मोठो मुखिया याजक, को आँगन मा जमा भईन।
येको सुरुवात जसो की यसायाह भविस्यवक्ता को किताब मा लिखयो गयो होतो। की आयको, परमेस्वर ना कहीस “मि एक दुत ला धाड़ूसू, जो तोरो लाई रास्ता सुधारेत।”
लेकरा योहन मोठो होवन लग्यो, अखीन वोको आतमा बल बढन लगयो! उ इसरायल को सामने चोवनो को पूढ़ा सुनसान जघा मा रव्हन लग्यो।
योहन ना कव्हयो, जसो भविस्यवक्ता यसायाह ना साँगिसेस “जंगल मा एक हाकलनवारा को आवाज का पिरभू को पंथ ला सरल करो।” मि वोच सेव।
हन्ना ना ओला बँधयो हुयो काइफा मोठो मुखिया याजक को जवर धाड़ दियो।
मुखिया पुजारी हन्ना, काइफा, योहन, सिकन्दर अना मोठो याजक को परिवार को सबच लोकगीन वहान हाजीर होतीन।