यीसु ना उनला कव्हयो, जाके ना उ कोल्हिया ला कव्हने, मी आज काल अखीन परो, बुरो आतमा गीन ला हेड़ासू, अखीन रोगी गीनला साजरो करासू, अखीन परो को दिवस मोरो काम पूरो भई जाहेत।
गिरंथ की जोन हिस्सा ला वा बाच रव्हो होतो उ यो होतो। वोला बली होवन वालो मेंढा को जसो लीजाय रहयो होतिन। वा तो वोना पाठी को जसो उगो-मुगो होतो, जोन आपरो ऊन कापन वालो को पुड़ा रव्हसे। ठीक वसोच ही वोना अपरो टोन्ड नही खोलीस।