पाठी को बलिदान तिहार को पयलो दिवस जोन मा वय फसह को बलिदान करत होतीन, ओको चेला ना ओला पुसिन, “तु किता चाव्हसेस की आमी जायके तोरो लाई फसह को पाठी को बलिदान को तैय्यारी करबिन?”
फसह को तिहार को पुढा जबा यीसु ना जान लियो का मोरी बेरा आय गयो से, का मी जगत ला सोड़के बाबूजी को जवर जावनो से, ता आपरो लोकगीन लक जोन जगत मा होतीन, उनलक जसो माया उ राखत होतो, आखरी बेरा भी वसोच माया राखिस।