जबा उ जैतून को पहाड़ मा बसो होतो, तबा चेला हुन ना वोला नीजी तौर मा कहीन, सांगो यो गोस्टी कबा होयेत? मनजे अखीन संसार को अखट्ट को काजक हिदान होयेत? तोरो आवन को अना दुनियाँ को आखीर को काजक हिदान होहेत?
तबा उ कव्हसे “होसियार रव्हो का कोनी, तुमिला नोको भरमाय, काहेका गजब लोकगीन मोरो, नाव लक आहेत अखीन सांगेत, का मी वोच सेव अना यो, भी का बेरा जवर आय गयो से, तुमी उनको मंघा नोको जावने।”