34 यीसु ना कव्हयो एना जुग मा मरद-बायको, को बिहा होवासे। अखीन नवरा-नवरी होवासे।
मालीक ना वो अन्यायी मूनीम को बडाई करीस, काहेका उ चलाकी लक काम करीस, यो जुग मा भी असोच लोग परमेस्वर को लोकगीन लक लगत चतुर सेत।
भविस्यवक्ता नूह को पानी जहाज मा बसन तकन, लोकगीन जेवन अना सादी ब्याह करत होतीन। तबा परलय आयो अना सबला बुड़ा देइस अना सबा सत्यानास भई गइन।
लग्न को सबला आदर करनो पाहिजे लग्न को सेज ला पवितर राखो। काहेका परमेस्वर छिनाला करनवारा, गाली बकन वालो ला सजा देहेत।
एकोलाई गिरंथ कव्हसे: “मानूस आपरो माय-बाबूजी ला छोड़के आपरी बायको लक मिलयो रहयो। अना वय दुही एक बदन होयेती।”
“जोन कोनी मानूस को टूरा को विरोध मा बात कहे ओको अपराध छिमा कियो जाहे, पर जोन कोनी पवीतर आतमा को बिरोध मा काही कहे ओको गुनाह न ता येना जुग मा, ना आवनवारा जुग मा छिमा कियो जाहे।”
अबा सांगो जित्तो होवनो को बाद मा वा बायको, कोन की बायको होयेत? उ तो सातो को बायको होति।