1 एक रोज यीसु मंदिर मा, जनता ला साजरो बारता सांगत होतो। का मोसे को नियम को गुरू, लेखक, मुखिया याजक ओको कठा आइन।
वोना बेरा यीसु ना भीड़ लक कव्हयो, “का तुमी तरवार डन्डा अना हतियार धरके मोला असो धरन काहे आयीसेव? जसो का मी डाकु सेऊ, मि हर दिवस तुमला मंदिर मा सीक्सा देवत होतो, तबा तुमीना मोला नही धराइ सेव।”
अखीन वोला पुसीन, यो तू हमला सांग का कोनतो, अधिकार लक यो काम करासे? उ कोन आय जोना तोला यो अधिकार देइसेस?
योको मंघा उ नगर-नगर अना गाँव-गाँव परमेस्वर को राज को साजरो बारता साँगत होतो।
यीसु ना जवाब देइस, मिना जगत लक खुलके गोस्टी करिसेऊ, मिना सभाघर अना मंदिर मा जिता सबच यहूदिगीन एकठ्ठो होत होतीन, हमेसा सिक्सा देवत रहयो, अना छिपयो मा काही नही कव्हयो।
जब पतरस अना योहन, लोक गीन लक, गोस्टी कर रही होतीन, का याजक मंदिर को मुखिया, अना सदूकी लोकगीन वोको जवर आइन।
असो परकार उनना लोकगीन को मोठो सयानागीन, यहुदी नेतागिन, अना मोसे को नियम को गुरूगीन, ला भड़कायो। मंग उनना आयके वोला धर लेइन अखिन वोला घसीटके यहुदी मोठी सभा को पुड़ा आनीन।