44 वय समझत होतीन का, उ यातरी दलमा सेत। येको लाय उ एक दिवस को यातरा पूरो करन को बाद मा, वोला आपरो कुटूम्ब अखीन जान-पहचान का लोकगीन मा ढुन्ढ-ढान्ड करन लगीन।
तिहार को रोज, पूरो होवन को मंघा, वो लवट गईन, मंग लेकरा यीसु येरुसलेम मा रह गयो, वोको माय-बाप यो बात नही जानत होतीन।
जब यीसु उनला नही मीलयो, तब ढुंढत-ढान्डत येरुसलेम नगर पँहुचिन।
यीसु को जान पहचान को लोक गीन दूहर उभो होतीन, अना उनमा काही आई-माई होतीन, वा गलील परदेस लक यीसु को मंघा-मंघा आई होतीन। अना यो सब चोवत होतीन।