यीसु ना यो आयक के ओको, लक सांगीस, “तोरो मा एक बात की कमीसे। आपरो सप्पा बिग दे तिजोरी खोलके अखीन गरीब गोर मा बाट के ना मोरो मंघा आव। तब सरग मा धन मिल्हेत।”
जक्कई न उभो होयके पिरभू यीसु ला कव्हयो। हे मालीक चोव! मी आपरो धन को आरधो हिस्सा मी कंगाल गीन ला देवासू, अखीन काही अन्याव करके, ना राखीसेव तो वोला, मी चौगुना वापस देवासू।
जोन बीज कांटा को झाड़ पर पड़ासे, उ वय लोग सेत, जोन परमेस्वर को गोस्टी ला, आयकन पर, पयले धन-माया की चिंता, रोज को जिंदगी को सुक, लोभ-माया को कारन, उन मा फर नही लगासे।
कायसेकि तुमी पिक्को लक जानसेव का असो कोनी भी मानूस जोन दुराचारी सेत, अपवितर अना लोभी सेत, जो एक मुरतिपूजक होवन जसो से। मसीह को अना परमेस्वर को राज को वारसाना नही पाय सका।