18 एक मुखिया ना यीसु लक असो पुसयो, ओ सब लक साजरो गुरु, अमर जीवन को वारसान, बनन लाय मी काजक करु?
यीसु ना वोला सागीस, “मोला साजरो गुरू काहे कव्हसो? परमेस्वर ला सोड़ अखीन कोनी साजरो नहाय।
जबा तुमी मोरो कव्हनो नही मानो ता कायलाय मोला हे पिरभू, हे पिरभू! कव्हसो
अना वोनच घड़ी उनला बाहेर हेड़के कहीस “अरे पिरभू को भगत सूटकारा पावन लाई मी का करु?”
लोक गिन ना जबा यो गोस्टी आयकिन ता दुखी भई गईन। वय पेरीतगिन अना उनको संगी गिनला कव्हन लगीन, तो अबा अमीला काजक करनो पड़हेत?