काहे की मि तुम लोक गीन कव्हसु, की अदी तुमरो नेकी को काम, मोसे को नियम को गुरू लक अना, फरिसी गीन लक बड़के नही होहेत। ता तुम्हि सरग को राज मा कदीच भीतर नही धस सकेत।
जबा तुम्हि पिरथना करने, ता बगला भगत को जसो नोको करने। कासेकी लोकगीन ला चोवन लाई, पिराथना घर मा अना रास्ता, चौगड्डा मा ऊभा होयके, पिराथना करनो, चहेतो लगासे, मी तुम्हिला खरो सांगासू, का वय अपरो करनी को फर पाय लेहेत।
हे मोसे को नियम को गुरू, तुम लक धिक्कार से, काहेका पोदीना, सोप, अखीन हरेक हिवरो साग को, दसवा पराय लेवासो, पर परमेस्वर को, माया अखीन न्याय को लक, तुम्ही लापरवाही करा सेव। तुम्हारो लायक यो साजरो होवतो, का तुम्ही वोला भी मानासेव, अखीन येला भी।
एकोलाय कोनी ला आपरो उपर घमंड करन को अधिकार नही रहयो, वोको तो कोनी जघा नाहती, कोनतो नियम को कारन लक, का मोसे को नियम को कारन लक, नही पर भरोसा को नियम को कारन लक,