3 तबा दिवान कव्हसेत मि काय करु, माती खदन को ताकत नाहती यो काम तो मोरो लक, नही होयेत? मोला कोनी भिख भी नही देहेत, मालीक तो हेड देहेत।
जबा दिवस बुड़ गयो तबा अंगूर को बगीचा को मालिक ना आपरो मुनीम ला कहीस, नौकर बनिहार ला हाकल लेव अना आखरी मा लगयो नौकर लक सुरु करके जो पयले लक लगायो गयो, सबला पगार दे देव।
यीसु अना ओको चेला यरीहो लक होयके जाय रही होतीन, तिमाई को टूरा बरतिमाई एक अँधरा भिखारी होतो, अना सड़क को कगर मा बसयो होतो।
तबा उ आपरो मन मा विचार करन लग्यो फसल राखन काजी अता मी काजक करु?
तबा धनवान ना मूनीम ला हाकल के, पुसिस, यो काजक आयकसु? तू आपरो हिसाब-किताब जचवा मि तोला नौकरी लक हेडसू।
वोको घर को बेसकूड़ मा एक गरिब लाचार मानूस पडयो रहत होत्यो, वोको नाव लाजर होत्यो, वोको आँग भर फोडा-फुन्सि होत्यो।
उ गरिब एक दिवस मर गयो, अखीन सरगदूत वोला धरकेना अबराहम को कोरा मा राखदेइन। मंग धनवान भी मर गयो, अना वोला भी माती देइन।
दिवान कसे तबा का करनो से मोला समजमा आय गई से। लोग गीनको फायदा कराय देसू, जोन मुसिबत मा काम आहेत।
काही बेरा तकन उ नही मानिस, पर आखीर मा मन मा बिचारन लगीस, का मोला ना तो परमेस्वर को भेव से ना ता कोनी लोकगीन को भेव सेत।
तबा सेजारवारा अना जोन्हीसीन ओला पयले भीक मांगत चोवत होतीन, कव्हन लगीन, का यो वाच मानूस नही से, जोन बसके ना भीक मांगत होतो?
लोक जनम को लगंडा ला हररोज आवन-जावन को जघा मा बसाय देत होतीन ताकि उ मंदिर मा आवन जावन वालो लक भीख मांगे।
उभो होय अना सहेर मा जाय तोला जेव करनो से उ तोला सांगयो जाहे।”
आमी ना आयकीसेजन की तुमरो यहान कोनी-कोनी बेकार की चाल चलसेत अना काही काम काज नही करत पर “आयतो मा रेड़ा” सियानो बनसेत।