मी तुमी लक सांगसू, असोच एक पाप लक मन ला हटाव अना पस्तावा करन वालो, पापी को बारे मा सरग मा इतरोच खुसी होवासे, जितरो की 99 असो न्यायी को बारे मा नही होवासे। जोन ला मन बदलन को जरूरत नही सेती।
लगत सा लोकगीन न जोन जादू-टोना करत होतीन। वय अपरी-अपरी जादू की किताब ला आनके जमा करीन। अना सब को पुड़ा जलाय देईन। जबा उनना वोका हिसाब लगाइन, ता करीब पन्नास हजार खुरो का मोहर को बरोबर हिटयो।