6 अखीन आस पड़ोस को लोक घर को लोक संगी गीन, ला इक्कठो करके कव्हसे, का खुसी मनावो मेढा गुम गयो, होत्यो मिल गयो से।
जब वोको पड़ोसी, अखीन रिस्तेदार ना यो बात आयकिन, का पिरभु को किरपा से। तब सब वोको संग खुसी मा सामील भईन।
मी तुमी लक कव्हसू, का असोच एक पाप ला सोड़ो हुया, पापी को बारेमा, सरग मा परमेस्वर को, सरगदूत गीन खुस होवासेत।
काहेका मोरो टूरा मर गयो होतो, मंग लक जित्तो भय गयो से। गुम गयो होतो, अबा मिल गयो से। अना सबा खुसी मनान लगीन।
अखीन जबा उ मिल जावसे, तबा उ गजब खुसी होवासे, अखीन मेंढा ला कन्धा मा उचल लेवसे।
मी तुमी लक सांगसू, असोच एक पाप लक मन ला हटाव अना पस्तावा करन वालो, पापी को बारे मा सरग मा इतरोच खुसी होवासे, जितरो की 99 असो न्यायी को बारे मा नही होवासे। जोन ला मन बदलन को जरूरत नही सेती।
जोन हुकूम मि तुम्हिला देसु, अदी ओला मानने तो तुम्हि मोरो संगी सेव।
जोन की नवरी से, उ नवरा से, पर नवरा को संगी जो उभो से, वोकी आयकसेस अना नवरा को सबद लक खुस होवासे। अता मोरो खुसि पूरी भय गयी।
उ उता जायके अना परमेस्वर को दया चोवके खुसी लक भर गयो; अना सबला सिक्सा देइस, का देह-मन लक पिरभू लक लिपटो अना बिनती करत रव्हो।
असो कलीसिया लक बिदाई पायके वय फीनीके अना सामरिया होतो हुयो, सबा भाऊ गीनला गैरयहुदी को मन बदलन को पूरो-पूरो समाचार आयकाव के लगत खुसी पहुचाय रहयो होतीन।
अना जबा कभी तुमी सबच को लाई बिनती करूसेऊ, ता हमेसा खुसी को संगा पिराथना करसेऊ।
अदी मोला तुमरो भरोसा रुपी बलिदान अना सेवा को संगा आपरो खून भी बोहानो पड़ेह, मंग भी मि खुस सेऊ अना तुमी सब को संगा खुसी मनावसेऊ।
एकोलाई अगा मोरो चहेतो भाऊ तुमी जोन मोरो आँनद अना मुकुट सेव, तुमला चोवन ला मोरो जीव तरससे, हे चहेतोगीन, पिरभु मा ऐना रिति पक्को रव्हो।
हमारो आस खुसी बड़ाई को मुकुट कोनतो से? हमरो पिरभू यीसु को आवन की बेरा मा का तुमी नही होवन का?
एक बेरा होतो जबा तुमी परजा नही होतो। पर अबा तुमी परमेस्वर को परजा सेव। एक बेरा तुमरो पर दया नही भई होती। पर अबा दया भई से।
तुमी त मेढा गीन की जसो भटक रहयो होतो। पर अबा अपरी आतमा को चरानवालो अना कलिसीया को मुखिया को जवर लवटके आईसेव।