4 तूम्ही लक कोन सेत, जेनको जवर 100 मेढा सेत, अखिन वोमा लक, एक गुम जाहेत, तबा 99 ला जंगल मा छोड़के, उ एक ला जबा तकन ना भेटेत, ढुन्ढत ना रह।
वोना उनला सांगिस तुमरो मा असो कोन सेत? जोनको, एकच मेढा होय, अना वा बिसराम को दिवस मा खोदरा, मा पड़ जाय, मंग तुम्ही वोला धरके बहार नही कहाड़ेत?
पर पिरभू ना कहीस, हे कपटी गीन का पवीतर दिवस मा तुम आपरो जानवर गधा बईल गीनला डोगा मा पानी देवसो का नही?
तबा वोना एक उदाहरन सांगन लग्यो
काहे का मानूस को टूरा गुमो हुओ ला ढुढ़न अखीन वोला सूटकारा देवन काजी आई सेव।
अगो मोरो संगीहुन! तुमी जोन गोस्टी मा दुसरो ला फैसला मा खोटो ठैयरावा सो, वोच काम तुमी करासेव, तुमी कोनी भी सेव तुमरो बहाना को कारन तुमिला कोनी सूट नाहती।
तुमी त मेढा गीन की जसो भटक रहयो होतो। पर अबा अपरी आतमा को चरानवालो अना कलिसीया को मुखिया को जवर लवटके आईसेव।