14 तबा उ देस मा गजब गीरानी पड गयो, अखीन वोको कन, जेवन लाय दाना नही होतो।
लगत दिवस बीत गयो, लहान टूरा सब धन जमा करके, ना लगत दूर देस मा जिंदगी बितान चले गयो। अखीन वहान आपरो धन खरचा कर डाखीस, अखीन कंगाल भई गयो।
तबा उ देस मा एक मानूस को, कन उ गयो, अखीन वोला वोना खालमानी चरावन को, लाय नौकरी मा राख लियो।