मी तुमी लक सांगसू, असोच एक पाप लक मन ला हटाव अना पस्तावा करन वालो, पापी को बारे मा सरग मा इतरोच खुसी होवासे, जितरो की 99 असो न्यायी को बारे मा नही होवासे। जोन ला मन बदलन को जरूरत नही सेती।
काहेका परमेस्वर लक बवजनवारा उदासी को लाय दिल, मा एक बदलाव आवासेत जोन सूटकारा को कन जावासेत। अना वोमा कोनी पस्तावा नाहती। लेकिन वोच उदासी मानूस को मरन को कारन बनासेत।