13 अखीन वोना वोको, पर हात रख्यो, उ वोच बेरा साजरो भई गई अखीन, परमेस्वर ला धन्यवाद बड़ाई देवन लगी।
लोक असो देखके डराय गईन, अना परमेस्वर की बड़ाई करन लगीन, जेना मानूस ला असो अधिकारी ठहराईसेस।
सरप गीन ला उचल लेहेत, अना जहेर पी जाहेत ता भी उनकी काही हानि नही होव्हेत, वय बीमार गीन पर हात राखेत अना वय चाँगलो भय जाहेत।”
अना ओना यो साँगके बिनती करन लगयो, की “मोरी नहानी टूरी मरन पर से, तु आयके ओको पर हात राखजो ता वा साजरी भई जाय अना जित्तो रव्हे।”
मंग काही बिमार पर हात धरके उनला साजरो करके काही अचंभा को काम नही कर सकयो, काहेका उनना यीसु पर भरोसा नही राखिन।
मंग दुबारा ओना अँधरा को डोरा मा हात राखीस तबा ओला साजरो-साजरो चोवन लगयो।
यीसु ना वोला चोवके, ना बुलायो अखीन वोला कहीस, हे बाई तु साजरी भई गइसेस।
वोच बेरा उ चोवन लग्यो, अखीन उ परमेस्वर को स्तुती बड़ाई करन लग्यो अखीन यीसु को, मघा जावन लग्यो सारी जनता यो चोवके, ना परमेस्वर को स्तूती करन लगीन।
दिवस बुड़तो बेरा मा, जोन-जोन को घर मा बिमार होतिन उनना वोको जवर आनीन, अना उन सबपर हात ठेवके सबला साजरो करीस।
तबा हनन्याह उभो होय के घर मा गयो, जहान साऊल होतो, अना भितर जायके अना साऊल पर अपरो हात रखके कहीस, अरे भाऊ साऊल जोन पिरभू यीसु ना यहान आवत बेरा, तोला रस्ता मा दरसन दियो होतो, वोनच मोला धाडीसेस, का तु दुबारा चोवन लगे, अना तू पवीतर आतमा लक पूरो भर जाय।