पर मि तुमी लक यो कव्हासु, का जोन कोनी आपरो भाऊ पर हिजड़ेत, उ कचहरी मा सजा को काबील होहेत, अना जोन कोनी आपरो भाऊ ला निकम्मो कहे, ता उ मोठी सभा मा सजा को काबील होहेत, अना जो कोनी कहे अरे मुरख! ता उ नरक की स्तो को सजा को हिस्सेदार होयेत।
का एना गोस्टी मा कोनी भी अपरो भाऊ को दोस नही करेहेत अना नही वोला ठगाहेत। काहेकी पिरभू एना सबरी गोस्टी गीन ला बदला लेवन वारा सेत जसो का हमीना पुड़ा च तुमला सांगीसेजन अना साजरी अक्ल लक चेताय भी सेजन।
अना ओना मोठो आवाज लक साँगीस, “परमेस्वर लक भेव करो, अना वोको च महिमा करो। काहेका वोको नियाव को बेरा भयी गयो सेत। ओको च पूजा करो जोनना, सरग धरती सागर अना पानी को झरना बनायो सेत।”
“हे पिरभू कोन तोरो लक नही भेव मानहेत? अना तोरो नाव को बड़ाई नही करेत? काहेकि तुच केवल एक पवीतर से, अना सबरो लोक गीन आयके तोरो पूजा नहि करहेत, काहेकी तोरो नियाव को काम दिसाय गयो सेत।”