41 तबा पतरस पुसयो पिरभू का यो उदाहरन तुम्ही हमरो लाय सांगासो का सबको लाय सेत?
एको लाई मि जो तुमला कव्हसु, तुम सब लक कव्हसु, जागत रव्हो!
मंग उ वापिस आयो अना उनला झोपत पायके पतरस ला कहीस, “हे समौन, तु झोपासेस? का तु जरासी देर भी नही जाग सकयोस तू कोनी काम को नाहत?
आपरो मालीक को मन को गोस्टी जानके न जोन दास ना काही तैय्यार नही करयो, ना वोकी मन मुताबीक काम करीस, उ गजब मार खायेत।
पर जोना अनजान मा मार खावन को काम करी सेस, उ जरासो मार खायेत, जोनला दियो गयो सेत, वोको लक गजब हीसाब मागो जाहेत। जोन ला गजब सोपो गई सेस वोको लक गजब लियो जाहेत।
प्रत्येक गोस्टी को अखट्ट जवर आयो सेत। तुमी संतुलन अना संयम राखो। जोन लक तुमी पिराथना करू सकत।
तू संयमित राहा अना जागत राहा! तुमरो विरोधी, सैतान सेर सिरिको गरजसे अना कोनाला फाड़ डाकू असो च तक्का मा रव्हसेत।