47 तुम पर धिक्कर सेत, जुनो जमाना मा, मोठो-मोठो भविस्यवक्ता गीनला, तुमारो बाप-दादा गीन मार डाखिन अखीन तुम्ही उनको मठ बनासेव
अरे कपटी मोसे को नियम को गुरू अना फरिसी गीन तुमरो, पर धिक्कार से! तुमी चुनो पोतयो कबर को जसो सेव, जेनको ओरिया, से ता सुन्दर चोवसे पर भीतर मुरदा की हडडी, अना सबच पिरकार की खोटो करम अना गंधगी भरिसे।
असोमा तुम्ही गवाही सेव का तुम्हरो बाप दाद ना खोटो काम करी सेस मारके उनको मठ बनाइसेस
अना स्तिफनुस अवर कव्हसे, तुमी कितरो हटिलो लोक सेव, तुम आपरो दिल लक परमेस्वर को हुकूम नही मानसो, अना आयको भी नही। तुमी आपरो पुरखागिन को जसो तमिना हरामेसा पवितर आतमा को बिरोध कियो सेत।
जिनना पिरभू यीसु अना भविस्यवक्ता गीन दुही ला मार डाकिन अना हम ला भी सतायके भगाय देईन। वय परमेस्वर उनलक खुसी नाहतो कहेका वय सबच मानूस गीन को बिरोधी सेत।