12 ना डिम, मांगेत तो मेहदल देहेत।
मि ना सरप, मेहदल, अखीन बयरी को सारो ताकत ला, कुचलन को हक देवासू, अखी काही भी तुम्हिला, हानी नही करयेत।
तुम्ही मा कोनतो आसो बाबूजी से, जबा टूरा भाकर मांगहे, त वोला गोटा दे देहे, मसरी मांगहे, त सरप दे देहेत।
अता जबा तुम्ही बुरो होयके, आपरो लेकरा बारो-ला, साजरो चीज देवनो जानासो, तो सरग को बाबूजी, परमेस्वर आपरो मांगन वालो ला, पवीतर आतमा काहे नही देहेत।
उनकी पुछी मेहदल जसी होती, अना उनमा डंक होतीन अना उनला पाँच महिना तकन मानूस गीन ला हानी पहुचावन की अधिकार मिलयो होतो। जो उनको पुछी मा होती,