अखीन मारथा काम करत-करत हिजड़ गई अखीन कहीस, पिरभू तोला मोरो चिन्ता नही सेती की मोरी बहिन ना मोला सेवा को काम करन को लाई एकलोच छोड़ देईसेस? एको लाई ओला हुकूम दे का मोरी हात बटाये।
जोन बीज कांटा को झाड़ पर पड़ासे, उ वय लोग सेत, जोन परमेस्वर को गोस्टी ला, आयकन पर, पयले धन-माया की चिंता, रोज को जिंदगी को सुक, लोभ-माया को कारन, उन मा फर नही लगासे।