12 मि तुम्ही ला सांगासु, वो दिवस लक सदोम-अमोरा नगर जसो, उ नगर मा सत्यानास आय जाहेत।
मी तुमरो लक खरो कव्हसू, का न्याय को दिवस वोनो नगर की दसा लक, सदोम अना गमोरा देस की दसा, लगत सहन लायक होयेत।”
पर मी तुम लक कव्हासू, का न्याय को दिवसमा इनको हाल सदोम अना गमोरा देस लक जादा बूरो भई जाहेत।
जेने घर मा तुमरो आवभगत नही होहेत, अना तुमरी गोस्टी नही आयकेत तबा आपरो पाय की धुल भी झड़ाय देने का उनको पर गवाही होहेत”