10 पर जोन गाँव-नगर मा जावासो, अखीन वहान को लोग गीन, तुमारो आदर नही करासेत, तो बजार-हाट मा जायके कव्हने,
जो कोनी तुमला नही रोकेत, अना तुमरी गोस्टी नही आयकेत, वोनो घर अना नगर लक हिटके, अपरो पाय की बारु झड़ाय लेवनो।
आमरो पाय मा धुल सेत, आमी झाड़ देसेजन। पर तुम्ही जान लेव, का परमेस्वर को राज, तुमरो कठा आईसे।
उता को बिमार गिनला साजरो करने, अखीन उनला सांगने, “परमेस्वर को राज तुमरो कना सेत।”
जोन कोनी तुम्हिला नही पुसेत, उ नगर लक हिटके ना, आपरो पाय को बारू ला झड़ाय लेने जोन उनको विरोध मा, गवाही होयेत।
तबा पौलुस अना बरनबास ना अपरो पाय की बारु झड़ायके इकुनियुम नगर मा चली गईन।
जबा वय लोक पौलुस को बिरोध करनो अना निन्दा करन लगीन। ता वोना अपरा कपरा की बारू ला झड़ायके उनको लक असो कहीस, तुमरो जान को जवाब दार तुम्हिच सेव। अबा अमी गैरयहुदी गिन जवर जाबिन।