53 वोना भुखो-लाघो गिनला, साजरो-साजरो जेवन देइसेस। अखीन धनी गिनला, रिकामो हात लौटा दियो से।
धन्य सेत वय जो धरम का भुको अना तहान सेत, काहे का वय, अघा जाहेत।
वोना अपरो दया, ला ध्यान देके ना, आपरो दास इसरायल ला संभालयो से।
धन्य सेव तुम्ही जोन भुखो सेव, काहेका तुमी अघाय जाहो। धन्य सेव तुमी, अबा रोवसो काहेका तुमला हसनो पड़हेत।
अखीन हाय तुमरो पर जोकी धनवान सेव, येको लाय तुमी आपरो सान्ती पाय गयो सेव।
यीसु ना उनला कहीस, “जिंदगी की भाकर मि सेव, जो मोर कगर आवासे, ओला कभ्भु भुख नही लगेत, अना जोन मोरो पर भरोसा ठेवासे, ओला कभ्भु तहान नही लगेत।”
ओ मोरो संगीहुन! अबा जरासो सोचो का जबा परमेस्वर ना तुम्हिला हाकलो होतो, ता तुमरो लक लगतसो ना अक्कल वर होतिन ना ताकतवर, लगत लोकगिन को समाज भी नीचो होतो।
का सबा जरुरत को चीज पयले लक तुम्हरो जवर सेत? का पयले लक तुम्ही धनवान सेव? का तुम्ही राजा सेव? भलो अमी नाहती, मोरो मनसा तो असो होतो का तुम्ही राजा होवतो अना अमी सब राज करबिन।