44 काहेका, जसो तोरो नमस्कार मीना आयकीसेव, लेकरा मोरो पोट मा, खुसी लक उछल पडयो।
जेंधावर एलीसीबा ना, मरियम को नमस्कार आयकिस, तसोच, वोको लेकरा पोट मा उचलो, अना उ पवीतर आतमा लक भर गई।
मोरो ऊँचो किस्मत से का, मोरो पर दया कसो भई? पिरभू को माय मोरो घरमा आई सेस।
तू धन्य सेस, जोन ना बिस्वास लक असो करीसेस, का पिरभू ना जोन गोस्टी साँगीसेस, वो पूरी भई जाहेत।
वोच दिवस खुसी होवने, अखीन खुसहाली मनाने काहेका, सरग मा मोठो फर सेत, उनको आजा पुरखा भविस्यवक्ता गीनको संग, असोच करयो सेत।