“न्याय को दिवस दक्सिन की रानी यो पीढी को लोकगिन को संग उभो होयती अना उनला गुनाहगार ठैरायती। काहेकि वा सुलेमान को गियान आयकन को साठी धरती को छोर लक आई होती अना चोवो यहान उ से जोन सुलेमान लक मोठयो सेत।”
सरगदूत ना वोला साँगिस, पवीतर आतमा को ताकत तोरो पर आहेत, अखीन मोठो परमेस्वर तोरी, रक्सा करहे। एको लाई उ पवीतर, जो जनम लेवन-वालो से, परमेस्वर को टूरा कहलाहे।
यो काजी योहन कहीस, तुम्ही अपरो-आपरो मनमा काजक सोचसो, कही मी मसीह सेऊ? सच-मूच मा मी मसीह नही सेव। काहे का मि, तो तुम्ही ला पानी मा बप्तिस्मा देवासू, पर उ आवन वालो मसीहा, मोरो ले जादा ताकतवर से। मी वोको जूता को दोरी, खोलन को काबील नही सेव, उ तुम्हीला, पवीतर आतमा, अखीन स्तो लक बप्तिस्मा देहेत।
पर मिले न नोको मिले, पर माँगन वालो ला उधारी देव, यो तुमरो लाय मोठो फर होयेत। अना तुम्ही परमेस्वर को, टूरा-टूरी कहलाने, काहे की जोन परमेस्वर ला नही मानासे, अखीन बुरो भी सेत, ओको पर भी, परमेस्वर भलो सेत। अना आपरो सतरु लक, माया करो।
लोकगीन ना असो सांगीन, मोसे को नियम हमला यो सिक्सा देसे की मसीह सदा रहेत, मंग तु यो कायलाय कव्हसेस, की मानूस को टूरा ला वरता जानो जरूरी से? यो मानूस टूरा कोन आय?