22 जब उ बाहेर हिटयो, तो उ बोल ना सकयो, तब लोकगीन जान गईन, का मंदिर पर कोनी दरस-परस भयो से। अखीन उ ईसारा करत होतो, अखीन गुगों भय गयो होतो।
लोग गीन जकरयाह को “बाट जोहत होतिन” अखीन चकित भईन। काहे का मंदिर मा, वोला उसीर भई गई होती।
जब वोको सेवा को दिवस पूरो भयो, तो उ आपरो घर चलो गयो।
तब लोकगीन ईसारा करके वोको बाबूजी लक पुसन लगीन, उ का नाव राखन चाव्हसेस।
तबा समौन पतरस ना ओला ईसारा करके पुसयो, साँग, उ कोन को बारे मा कव्हासे?
तबा ओने उनला चुप्पी रव्हन लाई हात लक ईसारा करयो, अना साँगीस का पिरभू ना कोन रिति लक मोला बन्दीघर लक बाहेर हेड़ीसेस, मंग उनलक कहीस, “याकूब अना अखिन भाऊ गीन ला यो खबर देव।” तबा उ वहान लक हिटके कोनी दुजो जघा ला चली गयो।
तबा यहुदीगिन ना भीड़ ला सान्त करन लाय सिकन्दर को नाव सुझाइन। तबा सिकन्दर न हात उभो करके लोकगिन को पूड़ा बचाव पक्स जाहिर करनो चाहयो।
जबा वोना हुकूम देईस त पौलुस न सीढ़ी पर उभो होयके लोक गीन को हात लक ईसारा करीस। जबा उ उगो-मुगो भय गयो। त उ इबरानी बोली मा बोलन लगयो।