19 तब सरगदूत ना वोला जवाब दियो, मी जिबराइल सरगदूत सेव। जोन परमेस्वर को पुढा उभो रहुसु, अखीन तोरो लक बात करन, अखीन यो खबर आयकावन काजी इता आईसेव।
चोवो ऐना लहान मा लक कोनी, एक ला भी बेकार नोको समजो। काहेका मी तुमी लक कव्हसू, इनको सरगदूत सरग मा हमेसा मोरो परमेस्वर दाआजी को पुढा रव्हसेत।
जोन दिवस तकन यो गोस्टी पूरो होहेत, ओना दिवस तकन तू गुंगो रव्हजो। काहेका तू मोरी गोस्टी पर भरोसा नही मानीसेस।
छँटवो महीना मा, परमेस्वर कन लक, एक कुँवारी को कन जिबराइल सरगदूत नाव को, सरग दूत ला धाडिस। वा टूरी गलील छेतर को, नासरत नगर मा, रव्हन वालो होती।
परमेस्वर को सरगदूत उनला कव्हसे, नोको डराव चोवो, मी तुम्ही ला मोठयो खुसी को साजरो बारता सांगसू। जो सब लोग लाय होहे।
एकोलाय जागतो रव्हो अखीन, पिराथना करो का आवन वालो घटना लक, बचके न असो ताकत लक भर जावो का मानूस को टूरा पुढा उभो रह सको।
परमेस्वर को टूरा यीसु आमरो मुखिया याजक से। जोन सरग लक आयो से, अना लवट गयो। एकोलाय अमी आपरो बिस्वास को बचन ला मजबूती लक धरयो रहबीन।