20 यीसु ना या गोस्टी उनला मंदिर मा सिक्सा देतो बेरा भन्डार घर मा कहीस, तरी कोनी ना ओला नही धरीन, काहेकि ओको बेरा अबा नही आयो होतो।
वोना बेरा यीसु ना भीड़ लक कव्हयो, “का तुमी तरवार डन्डा अना हतियार धरके मोला असो धरन काहे आयीसेव? जसो का मी डाकु सेऊ, मि हर दिवस तुमला मंदिर मा सीक्सा देवत होतो, तबा तुमीना मोला नही धराइ सेव।”
मुखिया याजक गीन खुरो को सिक्का, ला सकल लेइन। अना कव्हन लगीन, मोसे को नियम लक यो सिक्का ला खजाना मा राखनो, पाप से। काहेका यो तो खून को किमत से।
उ मँदिर को दान पेटी को पुड़ा बसके देख रहयो होतो की लोक मँदिर को खजाना मा कोनी रीत लक पैसा डाकसेत अना लगत धनवान ना लगत मा लक काही डाकिन।
तबा ओना आपरो चेला ला जवर बुलायके उनलक कहीस, “मि तुमी लक खरो कव्हसु की मँदिर को दान पेटी मा डाकन वालो मा लक यो कंगाल बेवा ना सब लक बढके डाकीस
वोच बेरा मुखिया याजक, अखीन मोसे को नियम को गुरू लिखनवारा, समज गइन का यो उदाहरन आमरो पर लक सांगिसेस, ओना यीसु ला पकड़न चाहत होतिन, पर जनता लक भेव खाइन।
मंग वोना डोरा उठय के, ना धनी गीनला आपरो-आपरो दान पेटी मा डाखत चोवो,
तबा उनना मंग ओला धरन को कोसिस करीन, पर उ उनको हात लक बूचक गयो।
यीसु न कहीस। अवो माय, अबा मोरो काजक काम से? अबा यो काम करनो की बेरा नहात।
जबा तिहार अरधो बीत गयो होतो, तबा यीसु मंदिर मा गयो अना ओना पिरवचन देवनो सुरु कियो।
मंग वय ओला बंदी बनावन को कोसिस करन लगीन, पर कोनी भी ओको पर हात नही डाक सकया। काहेकि ओको बेरा अबा नही आयी होती।
उनमा लक काही लोकगीन ओला धरनो चाव्हत होतीन, पर वा कोनी को हात मा नही आयो।
ऐना तिहार मा तुमी लोक जावो, मि अबा यो तिहार मा नही जाहु, काहे की मोरो बेरा पूरो नही भईसे।
पहट ला मंदिर मा आयो, तबा सब लोकगीन मंदिर मा आवन लगीन, यीसु वहान बसके उनला सिक्सा देवन लगयो।
तबा ओन्हीसीन ओला मारन लाई गोटा उचलीन पर यीसु हिटके मंदिर लक चलो गयो।