12 लोकगीन ओको बारे मा चुप्पई लक लगत पिरकार को गोस्टी कर रही होतीन, काही कव्हत होतिन, का उ साजरो मानूस से, अना काही कव्हत होतीन, नही उ लोकगीन ला भरमावासे।
चेला को गुरू लक अना दास को, मालिक मजे पिरभु को बरोबर होवनो च, लगत से। जबा उनना घर को मालिक ला सैतान कहिन ता वोको घर को दुसरो लोकगीन लक तो अखिन बुरो बरताव करहेत।”
साजरो मानूस अपरो मन को साजरा पेटखोली लक सजरो गोस्टी हेड़ासे अना बुरो मानूस अपरो आतमा को पेटखोली लक बुरी- बुरी गोस्टी हेड़ासेस काय की जेनो आतमा मा ठुसीसे वाच वोको टोंड पर अवासे।
यो चोवके सबा डराय गईन, अउर वय, परमेस्वर को बड़ाई करके कव्हन लगीन, का हमारो बिच मा एक मोठयो भविस्यवक्ता आईसे, अखीन परमेस्वर आपरो लोक-बाग गीन पर किरपा करीसेस।
मुखिया याजक अना मोसे को नियम को गुरू गीन ना सुनगुन-सुनगुन यो गोस्टी ला लोकगीन ला करत आयकिन, एकोलाई मोठा याजक अना मोसे को नियम को गुरु ना ओला धरन लाई सिपाही धाड़िन।
एतरो पर काही मोसे को नियम को गुरू कव्हन लगीन, यो मानूस परमेस्वर को कन लक नहात, काहेकि उ बिसराम दिवस को पालन नही करासे। ओतरो पर दुसरो ना कहीन, “कोनी पापी मानूस भला असो निसान कसो दिसाय सकासे?” असो परकार लक उनमा आपसी मा फूटफैर भय गई।