एक बायको बारा बरस लक लाल धोवा को बीमारी लक, परेसान होती, वा साजरो होवन को लायक भी नहोती। वा आपरो सबा धन, बैद को जवर, इलाज मा लगा देयि होती, पर उ साजरो नही भई।
येने गोस्टी को मंघा, रोगी यीसु ला मंदिर मा भेटयो। यीसु ना वोला कहीस, चोव! तु साजरो भय गईसेस, मंग पाप नोको करबिन, नही ता अखिन कोनी मोठी आफद तोरो पर आन पड़ेहत।
काहे का पिरभू को सरग दुत बेरा-बेरा मा कुन्ड मा उतरके पानी ला हिलावत होतीन। पानी हिलन को बेरा जोन मानूस पहेले कुन्ड मा उतरत होतो, चाहे उ कोनी भी रोग लक होयहेत, उ साजरो भय जात होतो।