29 जिनना साजरो करीसेत, वय जीवन को लाय अना जोनना बुरो करीसेत, वय सजा को लाय, जित्तो होयेती।”
तबा उ तुमी धन्य भई जाने, काहेका, उनको कठा बदला देन काजी काही नहात, अखीन तुमला परमेस्वर को अदालत मा, नेक गिनको जित्तो होवन को मघा फर भेटेत।
अना मि परमेस्वर मा वसोच भरोसा राखासु, जसो खुदच यो लोक राखसेत। का साजरा अना बुरो दुई कोच मर जानो को बाद जित्तो होवनो होहेत।
वय भलाई करेहे अना साजरो काम मा धनी बनेहे अना उदार अखिन मदद देवन लाय तैयार होहे।
पर एक खूब भयानक दन्ड बाकी रव्हसेत नियाय को अना एक गजब को स्तो जोन हुकूम नही मानन वालो ला गिटक लेहेत।
भलाई करनो अना संग मा दया चोवानो ना भुलो, काहेकि असी बली लक परमेस्वर खुस होवासे।
तुम्ही बुराई लक दुहुर रव्हनो पाहिजे अना नेकी केले पाहिजे। तुम्ही मना पासुन सांती लाय कोसीस करनो पाहिजे।