“अता जोनला बाबूजी ना चघावा ठयरायके जगत मा धाड़ीसेस, का तुमी एकोलाई ओला कव्हसो, तु परमेस्वर की निन्दा करासेस? एकोलाय मि ना कव्हयो, मि परमेस्वर को टूरा सेउ।
का तोला भरोसा नहात? का मि बाबूजी मा सेव अना बाबूजी मोरो मा से, यो गोस्टी जोन तुमी लक कव्हसु आपरो आपच लक नही कव्हसू पर बाबूजी जोन मोरो मा से, आपरो काम करासे।
काहेका वोच मा सबा चीजगीन बनायो गयो सेत, चाहे वा सरग को होहे अना भूई को, चोवयो, अना बिनो चोवन वारा, का सिघासन, का सरकार, का राजा को अधिकार, सबचीज वोकोच लक वोको लाय बनायो गयो सेत।
एना कारन हमी भी सदा परमेस्वर ला धनवाद करा सेजन। का जबा हमरो कन लक तुमला परमेस्वर को गोस्टी की खबर मिली त तुमी न वोनो मानूस गीन ला नही, पर परमेस्वर को गोस्टी समझके अपनायेत। खरो मा उ से भी जोन तुमी भरोसा मा अपरो काम भी करासेत।
उ ता टूरा परमेस्वर को गौरव को उजाड़ सेत। अना उ जनमन परमेस्वर जसोच सेत। अना सप्पा काही वोकोच सामरथ लक संभालासे। सर्वांना पाप पासुन मुक्त करायो अना असो करन को मंघा उ सरग मा महान गौरव लक परमेस्वर को उजो हातमा बस्यो।