46 यीसु मंग गलील छेतर को काना नगर मा आयो, जिता वोने पानी ला अंगूर को रस बनायी होतीस। उता एक करमचारी होतो, जोन कफरनहुम नगर को रव्होन वालो होतो, वोको टूरा बीमार होतो।
यीसु उन लक यो गोस्टी कर रहयो होतो। तबच एक समाज को मुखिया आयके दुई हात जोड़के नमस्कार करीस अना कहीस, मोरी टूरी मर गई। चलके आपरो हात ला ओको पर राख, ता वा जित्तो भयी जाहे।
वोना उन लक कहीस, तुम्ही मोरो पर यो हाना जरुर कहजोस, हे बईद, अपरो आप ला साजरो कर, जो काही हमि न आयकी सेजन। जोन काम कफरनहुम नगर मा किरीसेस, ओला अपरो देस मा कर।