पर सुभाविक मानूस परमेस्वर की आतमा सिक्सा नही धरा सेत। पर वोना गियान ला उ बेवाकुपी समजा सेत। अना ओला समजन काबिल नाहती। काहेका आतमा की सहायता लक, ओना सिक्सा की परख भई सका से।
ऐको मंघा ओना सरगदुत ना मोला जिंदगी को पानी को नदी दीसायो, जोन स्फिटक को जसो निरमल, अना वोमा आरपार दिसत होतो, जोन परमेस्वर अना मेढ़ा को सिघासन लक हिटके,