8 वारा जितानी कन चाव्हासे उता कन चलासे, अना तु वोको सबद आयकासे, पर नही जानासो की वा किता लक आवासे अना किता लक जासे? जोन कोनी आतमा लक, जलमो से उ असोच से।”
की जसो रकत लक मानूस जलम होवासे, ओनो पिरकार लक वय जलम नही लेईन तरी उनको अजी स्वता परमेस्वर से।
काहे चकित होवा सो, की मीना तोरो लक साँगिसेव, तोला नवतो रीती लक जलम लेनो जरूरी से।
नीकुदेमुस ना वोला जवाब देइस, “असो-कसो होय सकसे?”
तभिच एकाएक जोन घरमा बसी होतीन, वहान बादल लक अंधाड बोहन जसी आवाज आई अना जोन घरमा वय बसी होतीन, वोना घरमा आवाज भर गई।
जबा उनना पिराथना पूरो करीन ता जोन जघा मा वय होतिन, वा हिल गई अना उन सब मा पवीतर आतमा समा गयो, अना वय बेधड़क परमेस्वर, को गोस्टी आयकावन लग्यो।
यो सब काम एकच आतमा को लक होवासेत। अना आपरो मन को लक, यो सबा दान भेटासेत।
मानूस मा लक कोनी, कोनी को भितर को गोस्टी ला जानासेत? सिरप वोच मानूस को आतमा, जोन वोको भितर सेत। वसोच परमेस्वर की गोस्टी ला भी कोनी नही जान सकासे। सिरप परमेस्वर को आतमा।
अदि तुमी यो जानासेव, की उ न्यायी से, ता यो भी जानासेव का जोन कोनी नेकी को काम करासे उ परमेस्वर लक जन्मो से।