मंग मीना एक बादल लक आवाज आयको। एक मोठो नद्दी को अवाज जसो होतो, या घनघोर मेघ गरजन को वानी होतो। जोन आवाज मीना आयको होतो। वा लगत सो बीना एक संग बजासेत जसो अवाज होतो।
मंग मिना एक मोठयो सागर को जसो सब आयकयो जोन लगत मोठयो पुरा को अवाज अना बादल गरजन को अवाज जसो होतो। लोक गावत होतिन। “हल्लिलूय्याह! वोको जय हो, काहेका आमरो पिरभू परमेस्वर! सबलक बलवान राज कर रहयो सेत।”