29 उता अंगूर रस भरो हुयो एक बरतन राखियो होतो, अता उनना अंगूर को रस माफिलायो हुयो स्पंज ला जुफा मा राखके ओको तोन्ड लक लगाइन।
वहान लोकगीन पीत मिलयो अंगूर को रस, यीसु ला पीवन लाय देइन, यीसु वोला चख्यो, पर नही पीवयो।
उन मा लक एक धावके ना, स्पंज आन लेइस अना वोला अंगूर रस सिरका, मा डुबाय के, घागरा काड़ी मा लगाके यीसु ला, पीवन दियो।
तबा यीसु ना मंग ऊचो आवाज मा हाकलके, आपरो जान छोड़ दियो।
एक सिपाही ना धावके स्पंज ला सिरका मा डुबाइस अना घागरा काड़ी मा राखके ओला चखाइस अना कहीस, “रुको, देखबिन, एलिय्याह ओला सूलि लक उतारन लाई आवासे का नही।”
सीपाही गीन मजाक करन लगीन, वोना वोला सिरका देता कव्हन लगीन।