27 तबा ओना चेला लक कहीस, यो तोरो माय से। अना वोच बेरा लक उ चेला ओला आपरो घर ले गईन।
तबा राजा उनला जवाब देहेत, मि तुम लक खरो कहुसेउ, का तुमी ना मोरो यो नहान-नहान भाऊ गीन मा लक कोनी, एक को सँग करीसेव उ मोरो सँग, करीसेव।
ओना नजर इता-उता घुमायके कव्हसे “दिसो, यो आय मोरो माय अना भाऊ।
तबा पतरस ना कव्हयो, चोव, अमी लोकगीन आपरो सबा कही छोड़-छोड़ केना, तोरो माघा-मघा आय गयो सेजन।
उ आपरो घर मा आयो, अना वोकोच घरवारो ना वोला धुतकार देइन।
चोवो, उ घडी आवासे, की तुमी सबच भटक जाहो अना आपरो-आपरो रास्ता लेहो, अना मोला एकलो सोड़ देहो। ता भी मि एकलो नही सेव, पर बाबूजी मोरो सँगमा से।
तबा उनलक सार होयके हमी त जहाज पर चघ गयो। अखीन वय अपरो-अपरो घर लवट गईन।