एकोलाय चोवो मि तुमरो कठा, भविस्यवक्ता गीन अक्कलवर अना मोसे को नियम को गुरू गीनला धाडासू। अना तुम उनमा लक काही ला मार डाखेत, अना काही ला कूरूस मा चघायेत, अना काही ला आपरो पिराथना घर लक, हेड़ने अना कोडा मारके, नगर-नगर मा उनला कुदाने।
मसिहा खुदच अपरी देह मा हामरो पाप बुराई आन के कूरूस मा चघ गयो। जेनको लक हमी पाप बुराई को लाय मर गयो अना धरमिपन अना नेकी को लाय जित्तो भयि गयो काहेकी वोको घाव लगनो लक तुमी साजरा भईसेव।