25 समौन पतरस उभो होयके स्तो ताप रहयो होतो। तबा उनना ओला कहीन, कहीं तु भी ओको चेला तो नहात?
अना पतरस बाहेर आँगन मा, बसयो होतो की एक बनिहारिन ना ओको जवर आयके कहीस, तु भी ता गलीली यीसु को सँगी आस।
जबा पतरस आँगन मा उभो होतो, तो मुखिया याजक की एक दासी वहान आयी।
अखीन आँगन मा अघेटा पेटायो होतीन, वहांच पतरस उनको बीच मा जायके बस गयो।
एक टूरी जो उनकी दासी होती पतरस ला, स्तो को उजाड़ो मा, चोवके ना कव्हन लगीस, यो भी वोको संग होतो।
पर पतरस मना करके ना कव्हासे, बाई मी वोला नही जानासू।