तबा कुकडा ना दुबारा चिल्लाय देइस। पतरस ला उ गोस्टी जो यीसु ना ओला कहि होतीस हेत आई “कुकड़ा को दुई बार चिल्लान को पुढा तु तीन बार मोरो इन्कार करजोस।” अना पतरस आखरी मा सोचिस, की मिना पिरभु को नाव ला मना करीसेव, एकोलाय उ फुट-फुट के रोवन लगयो।
अना सब धरती को लोकगिन यो गोस्टी लक खुसी मनाहेत। अना एक दुसरो ला भेट देहेत। काहेका यो दुयी भविस्यवक्ता गीनना धरती को रव्हनवारा गिनला लगत दुख दियो होतिन।
वा जेतरी आपरो बड़ाई करके जितरो सुक भोगिसेत, तुमी भी ओला ओतरो च परेसानी अना कस्ट देव। काहेकि उ मन च मन कव्ह से, “मि ता रानी जसो सेव। मि बेवा नहीं सेव, मोरो कबच आंसु नही बहेत।”