मि ना सुरु मा तुम्हि लक यो गोस्टी एकोलाय नही सांगयो, काहे की मि तुम्हारो सँग होतो, पर अबा मि आपरो धाड़नवालो को जवर जावासू अना तुम्हि मा लक कोनी मोरो लक नही पुसेत, तु कहाँन जासेस?
काहेका हरेक मानूस काजी वोना एक दिवस ठहरायोसेस, का वोना मानूस लक सब संसार को मानूस को धरमी पन लक न्याय करहेत। जेना वोला पयले लक ठहरायो। अना वोला मारयो मा लक जित्तो करीस, “एना गोस्टी ला पक्को करीसेस।”
का कोनी असो भविस्यवक्ता या मानूस सेत, जोनला तुमरो पुरखा गिन ना नही तगांयो? अना उनना तो उनला भी मार डाख्यो, जोन ना परमेस्वर को नेक मानूस को आवन को मुनादि कियो होतो, अना वोना नक मानूस ला भी तुमी धरवा के मरवा डाखिसेव।
साजरा बारता मा “परमेस्वर को नेकपन” जो सुरु लक आखीर तकन भरोसा पर टिकीसे, असो परगट भईसे, जसो का मोसे को नियम मा लिखीसे। “नेक मानूस बिस्वास लक जित्तो रहेत।”
एको मा सक नहाय का भक्ति को भेद गम्भीर से अना उ जोन हिरदय मा परगट भईसे, आतमा ना सच्चो अना धरमी ठहरायो, सरगदूत गीन ला चोवाईस गैरयहुदी लोक गीन मा, वोको परचार भयो संसार मा, वोको बिस्वास करयो गयो अना, महिमा मा वोरता उठायो गयो।
एकोलाय मसीह ना भी जोन एक नेक मानूस होतो। एक च बेरात, पाप साठी दुख भोगयो। यासाठी क परमेस्वर कना अमी ला लेजाय। उ देह मा तो मारयो गयो, पर आत्मा मा, जित्तो भयो।